वस्त्र मंत्रालय ने 20 दिसंबर 2015 को राष्ट्रीय हथकरघा विकास निगम लिमिटेड (एनएचडीसी) की उद्यमी संसाधन नियोजन (ईआरपी) प्रणाली की शुरुआत की. इसके तहत केन्द्रीय वस्त्र मंत्री संतोष गंगवार ने वाराणसी में ईआरपी प्रणाली की शुरुआत की.
राष्ट्रीय हथकरघा विकास निगम लिमिटेड (एनएचडीसी) ने भारत सरकार की डिजिटल इंडिया की पहल के साथ बुनकरों को लाभ पहुंचाने के लिए अपनी वाणिज्यिक गतिविधियों के लिए इस प्रणाली को क्रियान्वित करने का फैसला किया. इस तरह एनएचडीसी वस्त्र मंत्रालय के अधीन ईआरपी प्रणाली प्रारंभ करने वाला पहला सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम बन गया.
विदित हो कि ईआरपी उन बुनकरों के लिए महत्वापूर्ण फायदे की प्रणाली सिद्ध होगी जो भारत सरकार की सप्लाई स्कीम के लाभपात्र हैं. इससे बुनकरों को एनएचडीसी सामग्री जल्दी मिलेगी. इसके साथ ही इससे निगम की गतिविधियों में सभी हितधारकों के लिए पारदर्शिता और जवाबदेही आएगी.
एनएचडीसी की ईआरपी प्रणाली का मुख्य लाभ:
• इससे वाणिज्यिक गतिविधियां पारदर्शी होगी.
• किसी भी प्रकार के विलंब की पहचान बुनकर और अन्य हितधारक आसानी से कर सकेंगे.
• कागजी कार्यों से छुट्टी मिल जाने और पारदर्शिता आने से काम को सरल होने से आपूर्ति श्रृखंला का प्रभावी और जवाबदेह बनाने में सुधार होगा.
• इससे खरीद, वस्तु सूची प्रबंधन और मांग की भविष्यवाणी में सुधार के कारण ग्राहकों की सेवा में गुणात्मक परिणाम मिलेगा.
• खरीद प्रक्रिया में पारदर्शिता से देश भर के बुनकरों को सबसे अधिक प्रतियोगी कीमतों पर धागा उपलब्ध होगा.
• बुनकर मोबाइल एप्प पर किसी भी समय सूचना प्राप्त कर सकेंगे.
• वे अपनी मांग सूची दे सकते हैं. वे अपनी मांग सूची की स्थिति की जांच कर सकते हैं.
• वे भेजी गई सामग्री का विवरण भी एसएमएस के जरिये ले सकते हैं.
• बुनकरों को अब एनएचडीसी में जाने या डाक से पत्र व्यवहार करने की जरूरत नहीं पड़ेगी, इससे उनका समय और धन बचेगा.
• 10 प्रतिशत स्कीम के मामले में बुनकर अपने बचे कोटे के बारे में किसी भी समय जानकारी ले सकते हैं.
• आदेश की सुनिश्चितता और पहचान के लिए मिलों को भी एकीकृत किया जाएगा जाकि ये ऑनलाइन ईआपी का हिस्सा बने |