प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 30 दिसंबर 2015 को कपड़ा उद्योग के लिये संशोधित प्रौद्योगिकी उन्नयन निधि योजना को अपनी मंजूरी दी. संशोधित योजना से कपड़ा क्षेत्र में ‘मेक इन इंडिया’ को बढ़ावा मिलेगा.
आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति ने प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में कपड़ा उद्योग के प्रौद्योगिकी उन्नयन के लिए मौजूदा संशोधित पुनर्गठित प्रौद्योगिकी उन्नयन निधि योजना (आरआर-टीयूएफएस) के स्थान पर ‘संशोधित प्रौद्योगिकी उन्नयन निधि योजना (एटीयूएफएस)’ का शुभारंभ करने के लिए अपनी मंजूरी दी. यह योजना अधिसूचना जारी होने की तिथि से लागू होगी.
नई योजना की मुख्य विशेषता:
• परिधान और गारमेन्ट उद्योग को बढ़ावा देकर रोजगार सृजन और निर्यात को बढ़ाना. इससे विशेष रूप से महिलाओं को रोजगार उपलब्ध होगा और वैश्विक निर्यात में भारत के हिस्से में बढ़ोत्तरी होगी.
• निर्यात और रोजगार के लिए महत्वपूर्ण क्षेत्र तकनीकी वस्त्रों को प्रोत्साहन देना.
• गुणवत्ता और उत्पादकता में सुधार के लिए वर्तमान करघों को बेहतर प्रौद्योगिकी के करघों में बदलने को बढ़ावा देना.
• प्रसंस्करण उद्योग में बेहतर गुणवत्ता को प्रोत्साहित करना और गारमेन्ट्स क्षेत्र द्वारा कपड़ों के आयात की जांच करना.
• संशोधित योजना से कपड़ा क्षेत्र में ‘मेक इन इंडिया’ को बढ़ावा मिलेगा.
• इस योजना से एक लाख करोड़ रूपये के निवेश को आकर्षित करने और 30 लाख से अधिक रोजगारों के सृजन की उम्मीद है.
• इसके लिए 17,822 करोड़ रुपये के बजट प्रावधान को मंजूरी दी गयी है, जिसमें से वर्तमान योजनाओं के अधीन प्रतिबद्ध देयताओं के लिए 12,671 करोड़ रुपये और एटीयूएफएस के अधीन नए मामलों के लिए 5,151 करोड़ रुपये निर्धारित किए गए हैं.
• ऐसे मामले जो सभी तरह से पूर्ण हैं और कपड़ा आयुक्त के कार्यालय में लंबित है उन्हें मौजूदा योजना के तहत सहायता उपलब्ध कराई जाएगी और नई योजनाओँ को भविष्य में प्राप्य प्रभाव से सहायता प्रदान की जाएगी.
• कपड़ा आयुक्त के कार्यालय का पुनर्गठन किया जा रहा है. इसके कार्यालय प्रत्येक राज्य में स्थापित किए जाएंगे.
• नई योजना के तहत प्रस्तावों की जांच, बैंकरों के साथ संयुक्त रूप से सृजित परिसंपत्तियों के सत्यापन और राज्य सरकार की एजेंसियों के साथ तालमेल रखने सहित उद्योग की स्थापना के लिए कपड़ा आयुक्त कार्यालय के सभी अधिकारी उद्यमियों के साथ नजदीकी संबंध स्थापित करेंगे.
• इस योजना के कार्यान्वयन का 01 अप्रैल, 2015 में शुरू की गई आईटीयूएफएस के अधीन ऑनलाइन निष्पादन और निगरानी