इन्श्योरेंस सेक्टर में 49% FDI को मंजूरी
इन्श्योरेंस सेक्टर को बढ़ावा देने और इसमें विदेशी निवेश बढ़ाने के लिए सरकार ने ऑटोमैटिक रूट से 49 फीसदी तक एफडीआई लिमिट की मंजूरी दे दी है। इसके लिए विदेशी कंपनियों को फॉरेन इंवेस्टमेंट प्रोमोशन बोर्ड की अनुमति लेनी होगी। अभी तक 26 फीसदी तक का विदेशी निवेश ही इन्श्योरेंस कंपनियों में ऑटोमैटिक तरीके से हो सकता था।
भारतीय कंपनी के पास होगा मैनेजमेंट
इन्श्योरेंस सेक्टर में 49 फीसदी एफडीआई की अनुमति सशर्त दी गई है। शर्त यह है कि इन कंपनियों का मैनेजमेंट भारतीय कंपनी के पास होगा। यह जानकारी आवश्यक है कि 49 फीसदी तक एफडीआई लाने के लिए कंपनियों को फॉरेन इन्वेस्टमेंट प्रोमोशन बोर्ड से मंजूरी लेनी होती है। 49 फीसदी एफडीआई के लिए अभी तक 10 कंपनियों के प्रपोजल सरकार के पास विभिन्न स्तरों पर विचाराधीन थे। इन कंपनियों में आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लाइफ इन्श्योरेंस, आईसीआईसीआई लोम्बार्ड जनरल इन्श्योरेंस और अविवा लाइफ इन्श्योरेंस शामिल थे।
देश में कार्यरत हैं 52 इन्श्योरेंस कंपनियां
इस वक्त देश में 52 इन्श्योरेंस कंपनियां कार्यरत हैं। इनमें 24 लाइफ इन्श्योरेंस सेक्टर और 28 जनरल इन्श्योरेंस सेक्टर में काम कर रही हैं।
लॉएड को मिली है इरडा से री-इन्श्योरेंस कंपनी शुरू करने की अनुमति
इरडा ने री-इन्श्योरेंस मार्केट पर पकड़ बनाने के लिए इंग्लैंड की कंपनी लॉएड को बिजनेस शुरू करने की अनुमति दी है। इससे पहले सरकार के स्वामित्व वाली जनरल इन्श्योरेंस कॉर्पोरेशन री-इन्श्योरेंस करने वाली एकमात्र कंपनी थी।
अप्रैल-दिसंबर 2015 के दौरान देश में विदेशी निवेश लगभग 40 फीसदी से बढ़ा है। दिसंबर तक यह 450 करोड़ यूएस डॉलर तक पहुंच गया था। इन सेक्टरों में सबसे ज्यादा विदेशी निवेश आया है - कंप्यूटर सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर, ट्रेडिंग, सर्विसेज, ऑटोमोबाइल, टेलीकम्युनिकेशन। इस दौरान सिंगापुर, मॉरिशस, नीदरलैंड और जापान ने सबसे ज्यादा विदेशी निवेश किया।