Monday, March 21, 2016

Deduction in EPF & PPF Interests

छोटी बचत योजनाओं पर मिलने वाले ब्याज में  केंद्र  सरकार ने कटौती की:

छोटी बचत योजनाओं पर मिलने वाले ब्याज में केंद्रीय सरकार ने एक बार फि‍र कटौती की है। सरकार ने लोक भविष्य निधि (पीपीएफ) पर ब्याज दर 8.7 फीसदी से घटाकर 8.1 फीसदी कर दी है। साथ ही किसान विकास पत्र पर मिलने वाली ब्याज दर 8.7 फीसदी से  घटाकर 7.8 फीसदी की गई।इससे पहले सरकार ने 16 फरवरी को छोटी बचत योजनाओं पर मिलने वाले ब्याज को बाजार अनुरूप बनाने के लिए कटौती की घोषणा की थी। इसके साथ ही सरकार ने इन योजनाओं पर मिलने वाले ब्याज की समीक्षा वार्षिक के बजाये तिमाही आधार पर करने का भी ऐलान किया था, जिसके तहत पहली समीक्षा बैठक के बाद 18 मार्च 2016 को नई ब्याज दरों की घोषणा की गई है।फरवरी में सरकार ने एक से तीन साल की परिपक्वता अवधि वाले किसान विकास पत्र और पोस्ट ऑफि‍स रिकरिंग डिपॉजिट पर ब्याज दर 25 आधार अंक घटाकर 8.15 फीसदी सालाना करने की घोषणा की थी। ये नई दरें एक अप्रैल 2016 से लागू होंगी।वित्त मंत्रालय ने 16 फरवरी को कहा था कि एक साल, दो साल और तीन साल सावधि जमा, किसान विकास पत्र तथा पांच की रिकरिंग डिपॉजिट पर ब्याज दरों में 25 आधार अंकों की कटौती होगी और इन्हें बैंकिंग सेक्टर में अन्य उपकरणों के समान बनाया जाएगा। इस कदम का उद्देश्य अर्थव्यवस्था को कम बयाज दरों की ओर ले जाना है।किसान विकास पत्र:किसान विकास पत्र केंद्र सरकार की एक योजना है। यह निवेश का दीर्घकालिक जरिया है। इसका लाभ डाकघर से लिया जा सकता है। इसमें न्यूनतम निवेश 1000 रुपये तक किया जा सकता है। केवीपी की मैच्योरिटी 8 साल और 4 महीने की है।परिपक्वता और ब्याज की दर को इस तरह समायोजित किया गया है कि केवीपी में निवेश मैच्योरिटी पर दोगुना हो जाता है। इस प्रकार, केवीपी में 1000 रुपये का निवेश 8 साल और 4 महीनों में 2000 रुपये हो जाता है। केवीपी में निवेश आय कर अधिनियम (आईटी एक्ट) की धारा 80सी के अंतर्गत लाभ के लिए पात्र नहीं है।इस बार निवेशकों को 1000, 5000, 10000 और 50000 रुपये के किसान विकास पत्र उपलब्ध होंगे। किसान विकास पत्र में निवेश की कोई ऊपरी सीमा नहीं होगी। इस बार लॉन्च किसान विकास पत्र की खासियत यह होगी कि अगर निवेशक चाहे तो इसे दो साल और छह महीने के लॉक इन पीरियड के बाद भुना सकेगा। यही नहीं, इसके बाद इसे हर छह महीने की अवधि के बाद पूर्व निश्चित मैच्योरिटी वैल्यू पर भुनाया जा सकेगा।किसान विकास पत्र 1988 में शुरू किये गये थे लेकिन विगत कुछ वर्ष पहले 2011 में इसके दुरूपयोग की बात सामने आई अतः इसे सरकार द्वारा बंद कर दिया गया। वर्तमान सरकार द्वारा किसान विकास पत्र (Kisan Vikas Patra) को पुन: जीवन दान दिया गया जिसका उदघोष वित्तमंत्री अरुण जेटली ने नवंबर 2014 में किया था।